
समिति के सदस्य किशोर तिवारी ने बताया कि मोहुरले बेहद गरीब परिवार से संबंध रखता था और उनके माता और पिता दोनों ही विकलांग हैं। उसके परिवार में पत्नी और तीन बच्चे भी हैं। उन्होंने बताया कि कपास के बेहद कम उत्पादन के कारण इन किसानों ने आत्महत्या की है।
गत सप्ताह विदर्भ में कुल 14 किसानों ने आत्महत्या की है जिनमें अकेले यवतमाल जिले से ही दस किसान थे। विदर्भ के ये इलाके कपास पट्टी के नाम से मशहूर हैं।
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