शीघ्र ही केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय बच्चों को दिए जाने वाली दर्द निवारक निमेसुलाइड सीरप सहित साइड इफेक्ट वाली चार दवाओं को प्रतिबन्घित कर बाजार से बाहर का रास्ता दिखा सकता है।भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय को जिन चार दवाओं पर तत्काल रोक लगाने की सिफारिश की गई है उनमें निमेसुलाइड सीरप के अलावा एसिडिटी की दवा सिसाप्राइड, सर्दी-जुकाम, खांसी में उपयोग की जाने वाली फेनिलप्रोपेनोलामाइन और चर्म रोग व अल्सर के इलाज में दी जाने वाली ह्यूमन प्लेसेंटा एक्सट्रैक्ट शामिल हैं ।
जनरल ने सिफारिश में मंत्रालय से तत्काल इन चारों दवाओं के प्रयोग पर प्रतिबन्ध लगाने की सिफारिश की है। सरकार इस बारे में दो सप्ताह में कोई फैसला कर सकती है।
बताया जाता है कि इस दवा के उपयोग से लीवर पर गंभीर दुष्प्रभाव होते हैं वहीं सिसाप्राइड भोजन नली और दिल पर गंभीर प्रभाव डालती है। चौंकाने वाली बात यह है कि निमेसुलाइड साल्ट सहित अन्य तीन दवाओं पर अमरीका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा सहित 168 देशों में बहुत पहले से ही प्रतिबन्ध लगाया हुआ है जबकि भारत में इनका धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।
निमेसुलाइड का भारत में चिकित्सा क्षेत्र में कितना ज्यादा उपयोग हो रहा है, इसका अंदाजा इसके सालाना कारोबार करीब 300 करोड़ रूपए की जानकारी से लगाया जा सकता है।
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