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प्रोफेसर नूरमोहम्मद भट्ट ने बीएससी के छात्रों के लिए बनाए प्रश्न-पत्र में एक सवाल पूछा है- क्या पत्थर फेंकने वाले वास्तविक हीरो हैं! गौरतलब है कि कश्मीर में पिछले तीन महीनों में पत्थर फेंकने और उसके बाद पुलिस कार्रवाई में 110 लोगों की मौत हो चुकी है। इसी प्रश्न-पत्र में एक प्रश्न में उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद करना था जो इस तरह था- कश्मीरियों का खून पानी की तरह बहाया गया है। कश्मीरी बच्चे पुलिस द्वारा मारे जा रहे हैं और कश्मीरी औरतों पर गोलियों की बौछार हो रही है।
यूनिवर्सिटी में बीस साल से पढ़ा रहे नूरमोहम्मद भट्ट को कारण बताओ नोटिस भी दिया गया है। प्रोफेसर के साथ उनके इस कृत्य से हैरान हैं, क्योंकि वे शांत प्रवृत्ति के माने जाते हैं। उनके कई साथी यह भी मानते हैं कि वह लंबे प्रदर्शन और पत्थर फेंकने के तरीके को निर्रथक मानते थे।
अब परीक्षा नियंत्रक सभी प्रश्न-पत्रों की जांच करवा रहे हैं जिससे कि किसी और प्रश्न-पत्र में ऎसे सवाल छात्रों तक न पहुंचें।
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